Short biography about mahatma gandhi in hindi

Seymour lubetzky biography channel

आज हम इस आर्टिकल में आपको महात्मा गांधी की जीवनी- Guiding light Gandhi Biography Hindi के बारे बताएंगे।

महात्मा गांधी की जीवनी- Maharishi Gandhi Biography Hindi

Mahatma Gandhi जी भारत और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे और वे सत्याग्रह के माध्यम से प्रतिकार के अग्रणी नेता थे।

उनकी इस अवधारणा की नींव संपूर्ण अहिंसा के सिद्धांत पर रखी रखी गई थी।

महात्मा गांधी जी ने भारत को स्वतंत्र कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन, नमक सत्याग्रह आंदोलन आदि आन्दोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

जन्म

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ थ।

उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।

उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो कि सनातनधर्म के पंसारी जाति से संबंध रखते थे।

इनके पिता कट्टर हिंदू एवं ब्रिटिश सरकार के अधीन गुजरात में काठियावाड़ की रियासत पोरबंदर के प्रधानमंत्री थे।

इनकी माता का नाम पुतलीबाई थाऔर वे परनामी वैश्य समुदाय की थी।

महात्मा गाँधी के अन्य नाम बापू, राष्ट्रपति, गांधी जी थ।

गांधी जी का विवाह 1883 में 13.5 वर्ष की आयु में कस्तूरबा से हुआ था।

गांधीजी” कस्तूरबा” को “बा” कह कर बुलाते थे।

उनका यह बाल विवाह उनके माता -पिता के द्वारा तय किया गया था।

महात्मागांधी के चार पुत्र थे जिनके नाम इस प्रकार है –

  • हरिलाल गांधी (1888ई .)
  • मणिलाल गांधी (1892ई.

    )

  • रामदास गांधी (1897 ई.)
  • देवदास गांधी (1900ई.)

महात्मा गांधी के शिक्षा

मोहनदास करमचंद गांधी ने 1887 मैट्रिक की परीक्षा मुंबई यूनिवर्सिटी से पुरी की और इसके आगे की परीक्षा के लिए भी भावनगर के शामलदास स्कूल में गए।

महात्मा गांधी का परिवार उन्हें बारिस्टर बनाना चाहता था।

सितंबर 1818 ई.

को गांधी जी बारिस्टर पढ़ाई के लिए लंदन गए जहां पर उन्होंने यूनिवर्सिटीकॉलेज लंदन में दाखिला लिया ।

गांधी जी ने अपनी मां को दिए हुए वचन के अनुसार अपने  शाकाहारी भोजन ही किया।

गांधीजी शुरू से ही शाकाहारी थे और उन्होंने लंदन में भी अपने इस नियम को बनाए रखा।

गांधीजी के व्यक्तित्व ने उसकी लंदन में एक अलग ही छवि प्रदान की। गांधीजी ने लंदन में थियोसोफिकल नामक सोसाइटी के मुख्य सदस्यों से मिले। सोसायटी की स्थापना विश्व बंधुत्व के लिए 1875 में हुई थी और तो और इसमें बौद्ध धर्म, सनातन धर्म के ग्रंथों का संकलन भी था।

वकालत का आरंभ – महात्मा गांधी की जीवनी

इंग्लैंड और वेल्स बार एसोसिएशन द्वारा बुलाए जाने पर गांधीजी वापस मुंबई लौट आए और उन्होंने यही पर अपनी वकालत की पढ़ाई शुरू की।

मुंबई में गांधी जी को सफलता नहीं मिली जिसके कारण गांधी जी गांधी जी ने कुछ समय के लिए शिक्षक के पद पर काम करने के लिए एक अर्जी दी लेकिन उसे भी अस्वीकार कर दिया गया।अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए गांधी जी को मुकदमों की अर्जी लिखने का काम शुरू करना पड़ा परंतु कुछ समय बाद ही उन्हें यह काम भी छोड़ना पड़ा।

1893 ई.

में  महात्मा गांधी जी एक वर्ष  के करार के साथ दक्षिण अफ्रीका गए।

दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटिश सरकार की फर्म नेटल से यह वकालत करार हुआ था।

महात्मा गांधी जी की दक्षिण अफ्रीका की यात्रा

दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी को भारतीयों पर हो रहे भेदभाव का सामना करना पड़ा।

उन्हें प्रथम श्रेणी उसकी वेध टिकट होने के बाद भी तीसरी श्रेणी के डिब्बे में जाने से इंकार कर दिया गया और उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था।इतना ही नहीं यात्रा करते समय पायदान पर एक अन्य यूरोपीय यात्री के अंदर आने पर उन्हें चालक से मार भी खानी पड़ी। इन्हें अपनी इस यात्रा के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

अफ्रीका के कई होटलों में उनको आने के लिए मना कर दिया गया। इसी तरह ही कई घटनाओं में से यह एक भी थी जिसमें अदालत के न्यायधीश ने उन्हें अपने पगड़ी उतारने का आदेश दे दिया था जिसे उन्होंने मानने से मना कर दिया।

गांधी जी के साथ हुई यही सारी घटनाएं उनके जीवन में एक नया मोड़ ले कर आई और विद्यमान सामाजिक अन्याय के प्रति जागरूकता का कारण बने तथा सामाजिक सक्रियता की व्याख्या करने में मददगार साबित हुई।अफ्रीका में भारतीयों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखते हुए गांधी जी ने अंग्रेजी साम्राज्य के अंतर्गत अपने देशवासियों के सम्मान तथा अपने देश में स्वयं अपनी स्थिति के लिए प्रश्न उठाए।

भारतीयों के आजादी के लिए संघर्ष

1916 ई.

गांधी जी अपने भारत के लिए वापस भारत आए और अपनी कोशिशों में लग गए।

उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन पर अपने विचार व्यक्त किए लेकिन उनके विचार भारत के मुख्य मुद्दों, राजनीति तथा उस समय के कांग्रेस दल के प्रमुख भारतीय नेता गोपाल कृष्ण गोखले पर आधारित थे, जो कि एक सम्मानित नेता थे।

चंपारण और खेड़ा – महात्मा गांधी की जीवनी

गांधी जी को सब अपनी पहली बड़ी उपलब्धि 1918 में चंपारण सत्याग्रह और खेड़ा सत्याग्रह में मिली हालांकि अपने निर्वाह के लिए नील की खेती की खेती करने के बजाय नगद पैसा देने वाली खाद्य फसलों की खेती करने वाली आंदोलन भी महत्वपूर्ण रहे।

जमीदारों की ताकत का दमन करते हुए भारतीयों के नाम पत्र भरपाई बता दिया गया, जिससे वे अत्यधिक गरीबी से गिर गए। गांव में गंदगी अस्वस्थता और अन्य कई तरह की बीमारियां फैलाने लगी थी।

खेड़ा, गुजरात में भी यही समस्या थी।

पहले तो गांधीजी ने वहां पर सफाई करवाई और स्कूल और अस्पताल बनवाए जिससे ग्रामीण लोगों को उन पर विश्वास हुआ। उस समय हुए शोर शराबे के कारण गांधी जी को शोर-शराबे से हुई परेशानियों के लिए थाने में बंद कर दिया गया जिसका विरोध पूरे गांव वालों ने किया।बिना किसी कानूनी कार्रवाई के गांधी जी को थाने में बंद करने के लिए और उन्हें वहां से छुड़वाने के लिए गांव के लोगों ने थाने के आगे धरना प्रदर्शन भी किया।

गांधी जी ने जमींदारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का नेतृत्व किया जिन्होंने अंग्रेजी सरकार के मार्गदर्शन में उस क्षेत्र के गरीब किसानों को अधिक क्षतिपूर्ति मंजूर करने तथा खेती पर नियंत्रण राजसव में बढ़ोतरी को रद्द करना तथा इसे संग्रहित करने वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

महात्मा गांधी को सबसे पहले पलवल स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था

गांधी जी के नेतृत्व में दिए गए आंदोलन

  • असहयोग आंदोलन(1920)
  • स्वराज और नमक सत्याग्रह, डंडी यात्रा (1930)
  • दलित आंदोलन (1932)
  • द्वितीय विश्व युद्ध और भारत छोड़ो आंदोलन(1942)

महात्मा गांधी के नारे

  • “करो या मरो”
  • “हिंसा परमो धर्म”
  • “आंदोलन को हिंसक होने से बचाने के लिए मैं हर एक अपमान यतना पूर्ण बहिष्कार यहां तक की मौत भी सहने को तैयार हूं।”
  • “बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, और बुरा मत कहो”
  • “सादा जीवन उच्च विचार”

महात्मा गांधी की मृत्यु – महात्मा गांधी की जीवनी

30 जनवरी 1948 को गांधी जी अपने बिड़ला भवन में घूम रहे थे और उनको गोली मार दी गई थी।

हत्यारे का नाम नाथु राम गोडसे था यह एक राष्ट्रवादी थे जिनके कट्टरपंथी हिंदू महासभा के के साथ संबंध थे।

जिसने गांधी जी को पाकिस्तान को भुगतान करने के मुद्दे पर भारत को कमजोर बनाने के लिए दोषी करार दिया था।

इसे भी पढ़े – मीराबाई की जीवनी – Meerabai Biography Hindi

Categories Biography HindiTags 10 lines on mahatma gandhi foundation hindi language, 10 points funding mahatma gandhi in hindi, sure story of mahatma gandhi break through hindi language, mahatma gandhi ancy in hindi, mahatma gandhi care in hindi, mahatma gandhi kinship in hindi, mahatma gandhi featureless hindi speech, very short annals of mahatma gandhi in sanskrit, महात्मा गांधी की जीवनी